Anupama 9 August 2024 Written Update In Hindi: शो अनुपमा (Anupama Today Episode) में अनु को यह पता लगता है कि बालाजी इंदिरा जी से प्यार करते थे इसके बाद अनु उन्हें प्रोत्साहित करते हुए यह कहती है कि अगली बार वह जब भी इंदिरा जी से मिले। वह उनसे अपने दिल की बात जरूर कहेंगे अनुज को भी अनु के प्रति हुए अपने गुस्से को जाता देख अच्छा महसूस होता है।
आज के एपिसोड की शुरुआत अंश और टीटू से होती है जहां अंश के स्कूल से टीटू के पास टीचर ने कंप्लेंट की थी। इसके बाद टीटू उसे डांटता है तो अंश रोने लगता है। अंश को यूं रोता देख टीटू उसे संभालता है और उससे कहता है कि वह उसका पापा है इसलिए उसे वह डांट रहा है। जिस पर टीटू उस पर गुस्सा करता है और उसे बताता है कि वह उसका पिता नहीं बल्कि सोतेंला बाप है। यह सुनकर टीटू उसे डांट लगाकर यह पूछता है कि उसे यह सारी बातें कौन सिखाता है। अंश दादा जी का नाम लेकर कहता है कि वह यह सारी बातें उसे बताते हैं और उसे यह एहसास है की टीटू उसे बिल्कुल भी प्यार नहीं करता है। टीटू उसे समझाने की कोशिश करता है।
टीटू पर भड़की डिंपी
मगर पीछे से तभी डिंपी आती है और वह टीटू पर चिल्लाने लगती है कि वह अंश को यूं इस तरीके से डांट बिल्कुल भी नहीं सकता है टीटू और डिंपी में भी बहस होती है जिस पर डिंपी फिर गुस्सा होकर वहां से चली जाती है और इन दोनों की लड़ाई अनु और नंदिता अपने किचन से बैठकर सुनते रहते हैं।टीटू बेचैन होकर कमरे से बाहर चला जाता है जिसके बाद अनु उसे इशारों में हिम्मत देने की कोशिश करती है।
वहीं दूसरी ओर बालाजी इंदिरा का नाम अपने हाथों पर लिखते हैं उनको हाथों पर यू नाम लिखना देख अनुज उनसे पूछता है कि वह उनका नाम अपने हाथों पर क्यों लिखते हैं बाला उन्हें बताता है कि वह इंदिरा जी से प्यार करता है और आज वह जा रही है इसलिए उसे बहुत दुख है अनुज उससे कहता है कि वह अपनी दिल की बात इंदिरा जी को जाने से पहले जरूर बताएं क्योंकि समय बीतने पर चीज खराब हो जाती है।
Anupama 9 August 2024 written update
उसने भी यह गलती 26 साल पहले की थी अनुज को यूं अपने बारे में बातें करते देखा अनुपम भावुक हो जाती है अनुज उससे कहता है कि वह आज भी अनु से बहुत प्यार करता है वह चाह कर भी उससे नफरत नहीं कर सकता है इसके बाद बाला उसे समझाने की कोशिश करता है और उसकी नजर अनु पर जाती है अनु चुपचाप वहां खड़ी होकर अनुज की बातें सुनती रहती है और वह भावुक हो जाती है बाला वहां से चला जाता है और अनुज की नजर भी अब अनु पड़ जाती है जिसके बाद वह एक दूसरे को देखते हैं और उन्हें एहसास होता है कि वह दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं।
अनुज अनुज की ओर बढ़ता है और उससे बोलता है कि उसे एहसास है कि उसने क्या गलती की है और वह चाहता है कि वह उन दोनों की बेटी को ढूंढे अनु कहती है कि वह दोनों एक साथ मिलकर ढूंढेंगे क्योंकि वह जब एक साथ होते हैं तो आद्या का ढूंढना आसान हो जाता है।दोनों आध्या के बचपन के दोनों को याद करके हंसते हैं।
इंदिरा जी का बेटा उन्हें लेने आता है और इंद्र के जाने से आशा भवन में सभी बहुत भावुक होते हैं वह सबसे मिलती है और अनु उन्हें आशा भवन की एक चाबी देते हुए कहती है कि आशा भवन का दरवाजा उनके लिए हमेशा खुला रहेगा और चाबी उनके दुपट्टे में बांध देती है बाला इंदिरा जी को एक कंगी गिफ्ट करता है। इंदिरा जी अनुज को देखकर उसे रहती है कि उनका भी बेटा खो गया था और आज वह घर लौट आया है और उसे विश्वास है कि उनकी आध्या भी घर बहुत जल्द ही लौटेगी आशा भवन के दरवाजे पर जाकर वह वेलकम बैक आध्या लिखकर आता है जिसको देखकर अनुज और अनुपम बहुत खुश होते हैं।